इस बार की परीक्षा में अपात्र विद्यार्थियों को परीक्षा में शामिल होने से पहले ही रोक दिया जाएगा। क्योंकि वे अपना प्रवेश पत्र डाउनलोड ही नहीं कर पाएंगे। माध्यमिक शिक्षा मंडल ने एक नई व्यवस्था लागू की है। पहले कई बार ऐसे मामले सामने आते थे, जहां अपात्र विद्यार्थी परीक्षा में शामिल हो जाते थे, लेकिन अब यह संभव नहीं होगा।
आपको बता दें कि अपात्र विद्यार्थियों में वे छात्र शामिल हैं जिनकी कक्षा में उपस्थिति 75% से कम है। इसके अलावा, अनुशासनहीनता, फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नामांकन, या अन्य अनियमितताओं में संलिप्त छात्रों को भी अपात्र घोषित किया जाता है। मंडल की इस नीति का उद्देश्य योग्य छात्रों को परीक्षा में शामिल होने का अवसर देना है। इससे न केवल शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता आएगी, बल्कि छात्रों को नियमित उपस्थिति और अनुशासन का महत्व भी समझ में आएगा।
गौरतलब है कि माध्यमिक शिक्षा मंडल की परीक्षाएं 1 मार्च से प्रारंभ होंगी, जिसके लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। इस बार संवेदनशील और अति संवेदनशील केंद्रों पर उड़नदस्ता टीम को विशेष रूप से तैनात किया जाएगा। इस वर्ष लगभग 2500 परीक्षा केंद्र स्थापित किए हैं।
मंडल की सचिव पुष्पा साहू ने छात्रों से परीक्षा के दौरान तनाव न लेने की अपील की है। उन्होंने कहा कि छात्र टाइम मैनेजमेंट पर विशेष ध्यान दें, प्रश्नों को समझदारी से हल करें और आत्मविश्वास बनाए रखें। जो प्रश्न पहले आते हैं, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर हल करने की सलाह दी गई है, ताकि परीक्षा को बेहतर तरीके से पूरा किया जा सके।
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