होम / दुर्ग - भिलाई / विधायक चंद्राकर की मौजूदगी में संविधान दिवस पर प्रस्तावना का हुआ सामुहिक वाचन
दुर्ग - भिलाई
-संविधान दिवस की 75वीं वर्षगांठ पर जिला स्तरीय कार्यक्रम आयोजित
-संविधान को आत्मा मानकर कर्तव्यनिष्ठा से कार्य करने का आव्हान
दुर्ग। ’हमारा संविधान-हमारा स्वाभिमान’ के संदेश के साथ आज संविधान दिवस की 75वीं वर्षगांठ पर जिला पंचायत सभाकक्ष में जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। भारत की संविधान सभा ने 26 नवंबर 1949 को संविधान को अंगीकार किया था, उसी ऐतिहासिक दिन की स्मृति में आज यह कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इस दौरान दुर्ग ग्रामीण विधायक ललित चंद्राकर और अधिकारी-कर्मचारियों ने भारतीय संविधान पर संविधान की प्रस्तावना का सामुहिक वाचन किए, साथ ही शपथ भी लिए। इस अवसर पर कलेक्टर अभिजीत सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती सरस्वती बंजारे, उपाध्यक्ष पवन शर्मा, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी बजरंग दुबे, उप संचालक पंचायत आकाश सोनी सहित जिला पंचायत के अधिकारी एवं कर्मचारी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

विधायक ललित चंद्राकर ने कहा कि किसी भी देश की आत्मा उसके संविधान में निहित होती है। हम सभी संवैधानिक पदों पर कार्यरत हैं, इसलिए हमें ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिए जिससे संविधान के मूल भाव को आघात पहुंचे। उन्होंने कहा कि हमारी वाणी, व्यवहार और कार्यशैली संविधान की मर्यादा के अनुरूप होनी चाहिए। संविधान हमें कर्तव्यबोध की याद दिलाता है। जो अधिकार हमें संविधान ने दिए हैं, उनका सदुपयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की खूबसूरती यही है कि इसमें सभी के लिए स्थान है मनुष्य ही नहीं, पशु-पक्षियों के लिए भी संरक्षण है। आज देश की बेटियां हर क्षेत्र में अपनी पहचान स्थापित कर रही हैं, जो संविधान द्वारा दिए गए समान अधिकार और अवसरों का परिणाम है। हमारा उद्देश्य सदैव जनहित में कार्य करना होना चाहिए।

कलेक्टर अभिजीत सिंह ने कहा कि संविधान किसी भी देश की आत्मा में बसता है। एक शताब्दी पूर्व भारत की परिस्थितियां कैसी थीं, यह इतिहास बताता है, लेकिन विषम परिस्थितियों में भी देश को एक सूत्र में बांधकर रखने का कार्य हमारे संविधान ने किया। उन्होंने बताया कि संविधान निर्माण सभा में 300 से अधिक विद्वानों ने भाग लिया और लगभग तीन वर्षों में विश्व के सबसे बड़े संविधान का निर्माण हुआ। संविधान बनाते समय देश के हर वर्ग, हर समुदाय का ध्यान रखा गया। उन्होंने कहा कि संविधान में संशोधन की व्यवस्था भी है ताकि आवश्यक बदलाव किए जा सकें, फिर भी कोई भी नियम या अधिनियम संविधान के विरुद्ध नहीं जा सकता। संसद या विधानसभा द्वारा बनाए गए कानून भी संविधान की सीमाओं के भीतर ही मान्य हैं। कलेक्टर ने कहा कि पंचायती राज व्यवस्था को मजबूत स्वरूप देने में संविधान का महत्वपूर्ण योगदान रहा है, जिसने जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को सशक्त बनाया। उन्होंने सभी अधिकारियों-कर्मचारियों से अपील की कि वे कार्य करते समय संविधान को अपनी आत्मा में बसाकर नियमों के अनुरूप निष्ठापूर्वक अपने दायित्वों का निर्वहन करें। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती सरस्वती बंजारे में सभी अधिकारी/कर्मचारियों को संविधान दिवस की बधाई दी। इस अवसर पर विधायक श्री चंद्राकर ने जल संरक्षण की दिशा में किए गए उल्लेखनीय कार्य के लिए प्रदान किए गए प्रशस्ति पत्र के लिए जिला प्रशासन को बधाई और शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम का समापन जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी बजरंग दुबे ने संविधान की गौरवपूर्ण यात्रा, कर्तव्यों और अधिकारों के संदेश के साथ किया।
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