दल्लीराजहरा नगर स्थित अंग्रेजी माध्यम स्वामी आत्मानंद स्कूल में एक संवेदनहीन घटना सामने आई है, जहाँ स्कूल यूनिफार्म के नाम पर दो छात्रों को 10वीं बोर्ड की पूरक परीक्षा देने से रोक दिया गया। यह घटना न केवल प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करती है बल्कि यह भी सवाल उठाती है कि क्या एक ड्रेस कोड बच्चों के भविष्य से भी ज्यादा महत्वपूर्ण है?
जानकारी के अनुसार ग्राम कुसुमकसा के रहने वाले दो छात्र सामाजिक विज्ञान का पूरक पेपर देने के लिए निर्धारित परीक्षा केंद्र पहुँचे थे। लगातार हो रही बारिश के कारण दोनों छात्रों की स्कूल ड्रेस पूरी तरह भीग गई थी। ऐसे में दोनों छात्रों ने यूनिफार्म की शर्ट पहनकर साथ में काले रंग की पैंट पहन परीक्षा केंद्र पहुँचना उचित समझा लेकिन वहां मौजूद परीक्षा केंद्र प्रभारी और स्कूल के प्राचार्य ने उन्हें परीक्षा कक्ष में प्रवेश देने से मना कर दिया।
छात्रों ने परीक्षा में शामिल होने की गुहार लगाई पर कोई सुनवाई नहीं हुई। मजबूरी में दोनों छात्र 8 किलोमीटर दूर अपने गाँव कुसुमकसा लौटे भीगा हुआ यूनिफार्म दोबारा पहना और फिर से परीक्षा केंद्र पहुँचे। लेकिन इस बार उन्हें देरी से आने का हवाला देकर परीक्षा से बाहर कर दिया गया।
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