छत्तीसगढ़

भूपेश की गोठान या विष्णुदेव की गोधाम? विशेसर पटेल के जवाबों ने बढ़ाई सियासी तपिश. कलेक्टर- एसपी पर कहीं यह बात.. घोटाले की होगी जांच

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बिलासपुर…छत्तीसगढ़ की राजनीति में ‘गाय’ एक बार फिर बहस के केंद्र में है। भूपेश सरकार की “गोठान योजना” के बाद अब भाजपा सरकार की “गोधाम योजना” चर्चा में है — और इस बार सियासी चिंगारी उठी है बिलासपुर से। शुक्रवार को छत्तीसगढ़ गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष विशेसर पटेल ने यहां पत्रकारों से खुलकर बातचीत की और माना कि “गोधाम योजना, गोठान से अलग जरूर है, लेकिन उसका विस्तार है।” पटेल ने बताया कि इसमें निराश्रित और घुमंतू गोवंश को स्थायी आश्रय दिया जाएगा, चरवाहा और चारा की अलग व्यवस्था होगी, और स्थानीय निकायों के बजाय स्वयंसेवी संस्थाओं को जिम्मेदारी दी जाएगी।

छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक बार फिर “गाय” चर्चा के केंद्र में है। भूपेश बघेल की गोठान योजना के बाद अब भाजपा सरकार की “गोधाम योजना” सुर्खियों में है। शुक्रवार को बिलासपुर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान गौ सेवा आयोग अध्यक्ष विशेसर पटेल ने कहा कि “यह योजना एकदम अलग है, लेकिन इसमें गोठान की झलक है।” उनके जवाबों ने न केवल प्रशासनिक हलकों में बल्कि सियासी गलियारों में भी हलचल मचा दी है।

गौधाम योजना पर पूछे गए सवालों पर पटेल ने कहा कि यह योजना “उत्तर-दक्षिण का फर्क” रखती है। उन्होंने बताया कि गोठान में गायें दिन में आती थीं और शाम को घर लौट जाती थीं, जबकि गोधाम में निराश्रित और घुमंतू गायें स्थायी रूप से रहेंगी। यहां चारा और चरवाहे की व्यवस्था के लिए प्रति गोवंश 10 रुपए और 5 एकड़ भूमि पर 2.85 लाख रुपए का प्रावधान है।

पत्रकारों ने जब सवाल किया कि “क्या यह भूपेश बघेल की योजना की ही कॉपी-पेस्ट है?” तो पटेल ने जवाब दिया —
“नहीं, वे लोग गोबर खरीदते थे, हम किसानों को आत्मनिर्भर बनाएंगे। हम प्रशिक्षण देंगे, उत्पाद बनवाएंगे और सरकार मार्केटिंग में मदद करेगी।”

हालांकि उन्होंने यह भी माना कि निराश्रित गोवंश की कोई जिम्मेदारी तय नहीं है, और कहा — “इसे आप लोग हाईलाइट करिए, किसान गाय को अपनाएगा तो दोनों का जीवन बचेगा।”

सुकुलकारी और बेलतरा में दुर्घटना में गोवंश की मौत पर हाईकोर्ट के संज्ञान का जिक्र करते हुए पटेल ने कहा, “प्रशासन लगा हुआ है, जो भी दोषी होगा, कार्रवाई होगी। जांच टीम आज पहुंच चुकी है, रिपोर्ट का इंतजार है।”

पत्रकारों ने कलेक्टर और एसपी को सड़क पर गोधन संरक्षण के लिए दौड़ाने पर सवाल उठाया। पत्रकारों ने पूछा यदि कलेक्टर एसपी रात दिन गाय के पीछे दौडेंगे तो कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी किसकी होगी । पटेल ने सवाल टालते हुए कहा कि, “गोधाम ही इसका रोडमैप है। पहले नेशनल हाईवे किनारे, फिर प्रत्येक विकासखंड में 10-10 गोधाम बनेंगे। इसमें पशु विभाग की अहम भूमिका होगी।

इस दौरान पटेल ने पशु चिकित्सा विभाग को लेकर सख्ती दिखाई — उन्होंने अधिकारियों की तरफ इशारा करते हुए कहा कि गौ तस्करी से लेकर सेवा तक जिम्मेदारी आपकी है, खामियां हैं तो दुरुस्त करें।”

उन्होंने यह भी माना कि जिला पशु कल्याण समिति में ढाई दशक से ऑडिट नहीं हुआ है, और कहा — “जानकारी मिली है, जांच कराएंगे। अगर घोटाला है तो कार्रवाई होगी।”

पत्रकारों ने अधिकारियों के ट्रांसफर और स्टे लेकर बैठे रहने पर भी सवाल उठाया, जिस पर उन्होंने कहा — “सरकार की व्यवस्था अलग है, शिकायत लिखित में दें, कार्रवाई होगी।”

अंत में पटेल ने दोहराया कि “जिला गौ सेवा आयोग समिति को मानदेय मिलेगा, अभी सब कुछ प्रारंभिक स्तर पर है, जल्द ही यह जमीन पर नजर आएगा।

पत्रकार वार्ता के दौरान जिला गौ सेवा आयोग समिति बिलासपुर अध्यक्ष धीरेंद्र दुबे समेत पशु चिकित्सा सेवाएं संभागीय कार्यालय के अधिकारी और कर्मचारी मौजूद थे।

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