नागपुर। नागपुर में सोमवार रात 8:30 बजे महाल इलाके में हिंसा भड़क गई। विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने औरंगजेब का पुतला जलाया था, जिसके बाद यह विवाद और बढ़ गया। पुतले में कथित तौर पर आपत्तिजनक सामग्री का इस्तेमाल किया गया था, जिसके कारण पथराव और तोड़-फोड़ की घटनाएं शुरू हो गईं। उपद्रवियों ने घरों पर पत्थर फेंके और खड़ी गाड़ियों में आग लगा दी। पुलिसकर्मियों पर भी हमले किए गए, जिसमें DCP निकेतन कदम कुल्हाड़ी से घायल हो गए।
पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और 55 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया। पुलिस कमिश्नर ने शहर में BNS की धारा 163 लागू कर दी, और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए 20 पुलिस टीमों का गठन किया गया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले को घटना पर रिपोर्ट सौंपने के लिए नागपुर भेजा। वहीं, शिंदे सरकार ने औरंगजेब की कब्र को लेकर बढ़ती मांगों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है, और इस विवाद से संबंधित कई मुद्दे राज्यभर में फैल गए हैं।
मुंबई के मुस्लिम बहुल इलाकों में भी हिंसा की आशंका के चलते सुरक्षा बढ़ा दी गई है। गणेशपेठ, लकड़गंज, पचपावली, शांतिनगर, सक्करदरा, नंदनवन, इमामवाड़ा, यशोधरा नगर और कपिल नगर में कर्फ्यू लगाया गया है। इसके अलावा मुंबई में भी पुलिस सुरक्षा बढ़ा दी गई है। मालवणी, भिंडी बाजार, कुर्ला, शिवाजी नगर-मानखुर्द और अंटॉपहिल जैसे मुस्लिम बहुल इलाकों में स्थानीय पुलिस को सतर्क कर दिया गया। पुलिस ने स्थानीय धर्मगुरुओं से संपर्क किया और लोगों से अफवाहों पर विश्वास न करने की अपील की।
यह हिंसा औरंगजेब की कब्र को लेकर विवाद के बाद भड़की, जिसमें कई राजनेताओं और धार्मिक संगठनों ने अपनी प्रतिक्रियाएं दी। शिंदे सरकार ने आरोप लगाया कि यह हिंसा सुनियोजित थी, और राज्य के कई हिस्सों में तनाव बढ़ने के कारण सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा किया गया है।
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